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Author : Deepak Chaubey
A Heart Touching Internet Based Love Story.
आसनसोल स्टेशन से बाहर निकलते ही ऐसा लगा मानो मै अपने घर पहुच गया हु, सब कुछ नया लग रहा है, फिजाओ में एक अलग कि ताजगी है, सूर्य कि किरने मौसम को और भी रमणीय बना रही है, और एक महत्वपूर्ण बात यह है कि दो महीने के बिहार भ्रमण के बाद आखिरकार मै यहाँ हु |
अरे मै अपना परिचय देना तो भूल ही गया, मै ‘अमर’ आसनसोल से हु और यहाँ के ही एक आईटी इंस्टिट्यूट में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का कोर्स कर रहा हु, और जैसा कि मैंने बताया कि दो महीने के बाद मै अपने घर जा रहा हु |
कॉलेज जाने कि ख़ुशी, दोस्तों से मिलने कि ख़ुशी, परिवार वालो का साथ मन में एक अलग ही उमंग पैदा कर रही है |
स्टेशन से बाहर निकलते ही मैंने चाय और सीग्रेटे पी उसके बाद बस का इंतजार कर रहा हु, आखिरकार बस आयी और मै ठीक ९ बजे घर पहुच गया !
रात भर के थकान के कारण नींद आ रही है इसलिए जल्दी से फ्रेश होकर नास्ता करके मै सो गया ! उस दिन मैंने दिन भर आराम करी और अगले दिन का इंतजार करने लगा !
और आखिर इंतजार भी क्यों न हो ?
दो महीने के बाद मै कॉलेज जा रहा था ! दूसरे दिन फ्रेश होकर ठीक टाइम पर कॉलेज पहुच गया, मैंने अपने दोस्तों को फ़ोन करके पहले ही बता दिया था कि मै आ रहा हु, इसलिए जैसे ही मै कॉलेज पंहुचा देखा कॉलेज के गेट के बाहर नितीश, सुरेश और सुनील मेरा इंतजार कर रहे थे, कॉलेज में ये तीनो ही मेरे सबसे अच्छे दोस्त है ! अब मै इनका परिचय करवाता हु , नितीश एक औसत हाइट का स्मार्ट लड़का है और पढाई में भी अव्वल रहता है ! सुरेश भी नितीश कि तरह स्मार्ट है पर एक नंबर का छिछोरा है ! सारा दिन लड़कियो को ही तारता रहता है ! सुनील दिखने में कोई खास नहीं है है पर मेरी उस से बहुत पट-टी है, इसका कारन यह है कि उसे भी मेरी तरह इंटरनेट बहुत पसंद है ! और हम दोनों अक्सर साइबर कैफ़े जाते है और इंटरनेट पर घंटो सर्फिंग करते है !
कॉलेज बंक करना, मूवीज देखना ये सब ही तो हमारे कॉलेज कि दैनिक दिनचर्या है |
समय का पहिया चल रहा है और हम तो जैसे अपनी खुद कि ही दुनिया में व्यस्त है ! आखिर वो दिन आ ही गया जब हम दोस्त अलग होने वाले है ! दो दिन बाद हमारे रिजल्ट है ! थोड़ी ख़ुशी और थोड़े गम के साथ एक नया जीवन हमारी तरफ कदम बढ़ा रहा है |
दो दिन बाद :
हम सब अच्छे मार्क्स से पास हो गए है ! शाम तक हम लोगो ने खूब पार्टी करी और एक दूसरे को वादे और कसमे दिए कि हमेशा फ़ोन और फेसबुक के साथ संपर्क में रहेंगे !
इसके बाद नितीश और सुरेश कोलकाता शिफ्ट हो गए और सुनील भी जॉब के सिलसिले में मुम्बई चला गया !
मुझे भी दुर्गापुर में ही एक अच्छी जॉब मिल गयी !
और जैसा कि हमने वादा किया था हम हर रोज फेसबुक और कॉल के माध्यम से संपर्क में रहते, अब तो हर रात फेसबुक पर ग्रुप चैट करना हम्ररी आदत हो गयी है, और जैसा हर लड़को का स्वाभाव होता है हम कभी कभी फेसबुक पर लड़कियो से फ़्लर्ट भी करते !
एक दिन फेसबुक ही मेरी जिंदगी बदल देगी किसे पता था ?
रोज रात कि तरह हम लोग चैटिंग कर ही रहे थे कि एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आया, मैंने मन ही मन सोचा अगर लड़की कि रिक्वेस्ट हो तो मज़ा आ जाये ! इसे नसीब कहिये या कुछ और वो एक लड़की कि रिक्वेस्ट थी, मैंने झट से उसका प्रोफाइल देखा और रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लिया !
उसका नाम था ऋचा और वो पुणे कि रहने वाली थी ! बस फिर क्या था हाई, हेल्लो और फ्ल्रटिंग का दौर स्टार्ट हो गया
मै और ऋचा घंटो बातें करते और जैसा हर लड़की के आने के बाद होता है उसके चक्कर में पुराने दोस्तों से मेरे संपर्क टूटने लगे !
जो वक़्त पहले अपने दोस्तों से बात करने में बीतता था अब वही ऋचा से बात करने में बिताने लगा !
एक महीने तक चैटिंग करने के बाद हमने अपने-अपने नंबर एक्सचेंज किये !
अब तो मेरे दिन कि शुरुवात ऋचा के फ़ोन कॉल से होती थी और रात कि बिदाई भी उस से बात करने के बाद ही !
आप इसे मेरा पागलपन कहिये या फिर कुछ और जिस लड़की को मैंने कभी देखा नहीं था वो मेरे खयालो में आने लगी थी !
प्यार का खुमार बढ़ने लगा था ! हर तरफ प्यार ही प्यार नजर आने लगा था, मौसम में एक अजीब तरह कि ताजगी और खुसबु फ़ैल रही थी !
अब तो मेरे मोबाइल में हनी सिंह के गानो कि जगह जगजीत सिंह के गजलो ने ले लिए थे !
समय पार होता गया और मै और ऋचा ६ महीने से ज्यादा से संपर्क में थे |
पर मैंने अभी तक उसे अपने प्यार के बारे में नहीं बताया था, और बताता भी तो क्या ?
न तो उसने मुझे देखा था न मैंने उसे देखा था ! ये कोई बॉलीवुड कि ‘सिर्फ तुम’ टाइप कि मूवी तो थी नहीं आम ज़िंदगी में लोग इसे पागलपन ही कहते ! वो कहते है न अगर प्यार का खुमार सर चढ़ जाये तो किसी कि नहीं सुनता |
और मेरा प्यार तो जिस्मानी सम्बन्धो से बहुत दूर था जो केवल दिल के एक अटूट बंधन से जुड़ा था !
और आख़िरकार उसने एक दिन मुझे कॉल किया तो मैंने हिम्मत करके उसे अपने प्यार के बारे में सब बता दिया ! और बिडम्बना देखिये मानो वो भी इसी वक़्त का इंतजार कर रही थी !
उसने मेरे प्यार को स्वीकार कर लिया, मै खुश था मानो यशराज कि फिल्मो का हीरो मै ही हु !
अब हम और ज्यादा फ़ोन पर बातें करते और वो भी बातें जो आम ज़िंदगी में प्रेमी और प्रेमिका के बिच होती है अब हमारे बिच होने लगी ! मेरी जॉब अच्छी थी एक प्यार करने वाली भी मिल गयी थी अब क्या चाहिए था ?
दिन गुजरते गए और हम प्यार में खोते गए ! अब तो मै रात में चाँद तारो से बात करने लगा था ! खुद में ही खोकर खुद ही मुस्कुराने लगा था !
अब तो लगता था हर रोमांटिक फ़िल्म का हीरो मै था और हीरोइन ऋचा !
एक दिन हम बात कर ही रहे थी कि मैंने उस से मिलने कि ख़वाईश बताई ! मेरे इस सवाल पर ऋचा ने कहा तुम वेस्ट बंगाल से हो और मै पूणे से ! अभी मिलने के लिए या तो मुझे आना होगा या फिर तुम्हे ! इसलिए पहले तुम अपनी जॉब पर ध्यान दो और मै अपनी पढाई पे ! यह बात उसने इतनी बिनम्रता से कही कि मैंने चुपचाप उसकी बात मान ली ! मिलना न सही लेकिन फ़ोटो तो एक्सचेंज कर सकती हो ? मैंने कहा !
आखिर हमने अभी तक एक दूसरे को देखा तक नहीं था !
इस बात पर वो राजी हो गयी और हमने अपने फ़ोटो शेयर किये !
मैंने मन ही मन भगवान और इंटरनेट दोनों को थैंक्स बोला !
आज मै बहुत खुश हु क्यूंकि एक साल लगातार चैटिंग और कॉल पे बात करने के बाद वो मुझसे मिलना चाहती है ! उसने मिलने के लिए बीस दिन बाद कि तारीख तय कि है ! मै तो जैसे तैसे हर दिन एक-एक साल कि तरह काट रहा हु !
और बात ही ऐसी है मै अपने होने वाली जीवनसाथी और सपनो कि मलिक्का से जो मिलने जा रहा हु !
और १५ दिन उस से मिलने में बाकि है ! मै इसी खयालो में खोया मन ही मन मुस्कुरा रहा हु तभी मेरे मोबाइल कि घंटी बज उठ टी है !
मोबाइल पर ऋचा का नंबर और नाम फ्लश हो रहा है ये देखकर मेरी आँखों कि चमक बढ़ जाती है !
वो कुछ परेशान और घबराई हुई सी लग रही है ! पूछने पर उसने बताया कि उसकी माँ का ऑपरेशन होने वाला है और उसे एक लाख रुपयो कि बहुत ज़रूरत है ! मैंने बिना कुछ और पूछे उसका अकाउंट नंबर लिया और पैसे उसके अकाउंट में ट्रान्सफर करवा दिए ! मन में एक अजीब सी बेचैनी है उसकी माँ को लेकर ! ऐसा लगता है जैसे उनसे मेरा सदियो का नाता हो !
दस दिन बाद :
मै अपने बेडरूम में बैठा ऋचा का नंबर लगा रहा हु जो पिछले दस दिनों से लगातार बंद आ रहा है !
टेंशन के कारण सर दर्द कर रहा है तभी सोचता हु क्यों न फेसबुक पर ही उसको एक मेसेज कर दिया जाए !
लेकिन ये क्या ???????
उसने मुझे ब्लाक कर दिया है !!
मुझे ये समझते ज़रा भी देर नहीं लगी कि मै ठगा जा चूका हु ! मुझे पैसो कि परवाह नहीं है ! अफ़सोस इस बात का है कि उसने मेरे दिल के साथ खेला वो भी सिर्फ पैसो के लिए 🙁 ! मै तो उस से सच्चा प्यार करता था ! वो एक बार बोल देती तो पूरी ज़िंदगी उसके नाम कर देता ! मेरी आँखें नम हो गयी है ! आँखों के सामने अँधेरा छा रहा है ! ज़िंदगी जीने कि कोई वजह नहीं बची है !
किसी ने ठीक ही कहा है “इस ज़माने में वफ़ा कि तलाश न कर मेरे दोस्त वो वक़्त और था जब मकान कच्चे मगर लोग सच्चे हुआ करते थे ” !
दर्द बर्दास्त से बहार हो चूका है अब तो दुनिया छोर देने में ही भलाई है !
इस दुनिया में सच्चे और निछल प्यार कि क़द्र ही नहीं है !
मै आत्महत्या करने जा रहा हु ! ज़हर मेरे हाथ में है और मै चंद मिनटो का मेहमान हु !
अँधेरा छा रहा है ! पलके झुक रही है ! सब कुछ धुंधला नजर आ रहा है !
पर आऊंगा एक दिन फिर किसी ऋचा से दिल लगाने के लिए !
कृपया करके अपना कमेंट ज़रूर दे !
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