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प्यार : जिन्दगी या मौत ?

Hindi Love Story By Deepak Chaubey
Hindi Love Story By Deepak Chaubey
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Author : Deepak Chaubey
An Unique Love Story, Based on some real event. Some part of the story is fiction.
ये कहानी मेरी नहीं है बल्कि मेरे जैसे आजकल के हजारो लड़को की है जो किसी लड़की के झूठे प्यार में पड़कर आत्महत्या कर लेते है. वैसे तो लोग प्यार को जिंदगी का नाम देते है पर आजकल के ज़माने में प्यार ………….. !

वो कहते है न “हमें तो अपनों ने लुटा गैरो में कहा दम था और जहां कश्ती डूबी थी वह पानी कम था”.

मेरी ये कहानी आज से २ साल पहले B.B कॉलेज में शुरू हुई थी.

मेरी जिंदगी सही से चल रही थी, कॉलेज जाना, घर आना, दोस्तों के साथ घूमना, मूवीज देखना !

जिंदगी ख़ुशी से कट रही थी.

और सबसे अच्छी बात ये थी की मै कॉलेज के टॉप स्टूडेंट में से एक था, और उस टाइम मै लडकियों में ज्यादा इंटरेस्ट भी नहीं लेता था !

एक दिन जब मै कॉलेज गया तो देखा मेरे ही क्लास की “खुसबू” नाम की लड़की मुझे खूब लाइन दे रही है, वैसे मैंने पहले ही बताया की मै इन सब चीजों में इंटरेस्ट नहीं लेता था इसलिए उसे मैंने इग्नोर

कर दिया.

दुसरे दिन भी उसने लाइन दिया लेकिन मैंने उस दिन भी इग्नोर कर दिया लेकिन कब तक मै उसे इग्नोर करता ! आखिर खूबसूरती में वो कॉलेज की टॉप लड़कियों में से एक थी !

हमारी दोस्ती हो गयी और अब हम डेट पर भी जाने लगे. वक़्त के साथ उसका और मेरा रिश्ता और गहरा होता गया.

अब हमारी रिलेशनशिप को १ साल हो गए थे !

हम लोग साथ पार्क में घुमने जाते, मूवी देखते और खूब एन्जॉय करते थे !

गर्मी की छुट्टिया शुरू हो गयी थी इसलिए अब हम बहुत कम मिलते !

इतने में ही उसका बर्थडे आ गया और उसके लिए मैंने बहुत सारी प्लानिंग की ! आख़िरकार वो मेरी जिंदगी थी जिसे मै खुद से ज्यादा प्यार करता था !

मैंने उसे बर्थडे सरप्राइज देने के लिए मेसेज किया की ठीक शाम के ५ बजे वो “हट्टन रोड – आसनसोल – पिज़्ज़ा हट” में आकर मुझसे मिले.

मै वक़्त से पहले ही वहा पहुच गया और उसका इंतजार करने लगा ! इंतजार करते करते शाम के ८ बज गए लेकिन वो नहीं आई ! मैंने कई बार उसको कॉल भी किया लेकिन उसने रिसीव नहीं किया !

मै उदाश मन से घर आ गया और चुप चाप अपने कमरे में चला गया !

मै बहुत दुखी थी की मेरे बुलाने पर वो नहीं आई थी ! मैंने उसके लिए काफी प्लानिंग की थी L.

और ठीक २ घंटे के बाद उसका मेसेज आया मुझे.

मेसेज पढ़कर तो जैसे मुझे सदमा लग गया था ऐसा लग रहा था जैसे मै एक जिन्दा लाश हु L.

उसने मेसेज में लिखा था “दीपक मै तुमसे प्यार नहीं करती, मैंने अपने दोस्तों के साथ बेट लगायी थी की मै तुम्हे अपने प्यार के जाल में फसा लुंगी, मै अपने दोस्तों से हारना नहीं चाहती थी इसलिए मैंने तुम्हारे साथ प्यार का नाटक किया, मै किसी और के साथ प्यार करती हु, हो सके तो मुझे माफ़ कर देना”.

ये मेसेज पढ़कर मानो मेरी दिल की धड़कन थम गयी थी, मै एक जिंदा लाश की तरह मोबाइल हाथ में लिए खड़ा था ! कुछ समझ नहीं आ रहा था कहा जाऊ, क्या करू !

मन में बहुत सवाल थे, आखिर मै ही क्यूँ ?

मैंने किसी का क्या बिगाड़ा था जो मेरे साथ ऐसा हुआ !

मुझे किसी शायर की शायरी याद आ रही थी “ऐ दिल तू धड़कना बंद कर, जब जब तू ……… है उनकी याद आती है, वो तो खुश होगी अपनी दुनिया में जान तो पल पल हमारी ही जाती है”.

अब मैंने कॉलेज जाना भी बंद कर दिया था, दिन भर घर में पड़ा रहता था, ड्रग्स और नशे की लत लग गयी थी मुझे, अब तो मेरा खुद का शरीर भी साथ छोर रहा था.

उधर मेरे कॉलेज नहीं जाने के कारण “खुसबू” की नजरे भी मुझे खोजती रहती थी, ऐसा मेरे दोस्त ने मुझे बताया था !

एक दिन तो उसने मेरे दोस्त से मेरे बारे में पूछ ही लिया लेकिन उसने कुछ नहीं बताया क्यूंकि मैंने उसे कुछ भी, किसी से भी मेरी हालत के बारे में बताने से मना किया था.

साथ साथ रहने से तो जानवरों के साथ भी कुछ लगाव हो जाता है और शायद “खुसबू” को भी मेरे साथ नाटक करते करते ही सही लेकिन कुछ लगाव सा हो गया था इसलिए तो वो मेरे बारे में मेरे दोस्तों से पूछती थी.

इधर ड्रग्स और नशे का आदि हो जाने से मेरी हालत ख़राब दिन-पर-दिन ख़राब होती जा रही थी.

और वो दिन भी भी आ गया जब मेरे शरीर ने भी मेरा साथ छोर दिया L.

उधर वो मेरे दोस्तों से मेरे घर का एड्रेस लेकर मेरे घर तक आ पहुची मिलने के लिए !

लेकिन अब यहाँ मेरे घर में सिर्फ मेरी फुल चढ़ी तस्वीर टंगी थी.

मेरी तस्वीर देखकर वो रोंने लगी !

मेरे पड़ोसियों ने उसे मेरी कब्र तक पंहुचा दिया !

वो मेरी कब्र देखकर और जोर जोर से रोने लगी वो लगातार आंसू बहाए जा रही थी. बार बार वो “सॉरी दीपक” की रट लगा रही थी. लेकिन अब क्या हो सकता था ?
तभी मेरी कब्र से आवाज आई “चली जाओ यहाँ से, कल तुम्हारे चेहरे पर प्यार का झूठा नकाब था आज मेरे चेहरे पर सच्चे प्यार का नकाब है”.

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